इतिहास को दोहराने के लिए एक बार फिर देवबंद पहुंचे महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी
देवबंद से बड़ी खबर —
इतिहास को दोहराने की दिशा में एक बार फिर महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज देवबंद पहुंचे हैं।
महामंडलेश्वर ने देवबंद में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान आगामी धर्म संसद की घोषणा की है।
बताया गया है कि यह धर्म संसद फरवरी 2026 के पहले सप्ताह में दो दिवसीय रूप में आयोजित की जाएगी।
इस धर्म संसद का उद्देश्य दारुल उलूम देवबंद और तालिबान जैसे संगठनों के बढ़ते प्रभाव तथा उनके समाज और मानवता पर संभावित प्रभावों पर विचार-विमर्श करना रहेगा।
कार्यक्रम की शुरुआत देवबंद स्थित महाकालेश्वर ज्ञान मंदिर से की गई, जहां यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज ने अपने गुरु ब्रह्मलीन स्वामी ब्रह्मानंद सरस्वती जी महाराज की समाधि पर पहुंचकर उन्हें नमन किया और उनके आशीर्वाद से धर्म संसद का संकल्प लिया।
महामंडलेश्वर ने बताया कि उन्होंने अपने जीवन की पहली धर्म संसद भी यहीं देवबंद में अपने गुरु के आदेश पर आयोजित की थी। उस समय का मुख्य उद्देश्य कठोर जनसंख्या नियंत्रण कानून और इस्लामिक जिहाद पर सरकार से श्वेत पत्र की मांग था।
हालांकि उस आयोजन के चलते उन्हें जेल भी जाना पड़ा, लेकिन उनके समर्थन में सहारनपुर और आसपास के युवाओं ने खुलकर उनका साथ दिया था।
आज फिर एक बार वे अपने गुरु के सिद्धांतों और उद्देश्यों को आगे बढ़ाने का संकल्प लेकर देवबंद पहुंचे हैं।
उन्होंने कहा कि धर्म संसद से पहले 9 दिवसीय मां बगलामुखी महायज्ञ का आयोजन किया जाएगा, ताकि दैवीय शक्तियों का आह्वान और नकारात्मक शक्तियों का शमन किया जा सके।
इस अवसर पर आश्रम में बड़ी संख्या में भक्त और समर्थक मौजूद रहे — जिनमें अभिषेक त्यागी, सचिन इलू जड़ौदा पांडा, गुरदीप गुर्जर, आकाश पुंडीर, मनीष त्यागी, सुमित सैनी, राजीव धीमान, वसु राणा, निशु चौधरी, मनोज त्यागी, प्रदीप कुरड़ी, अनुज भरतपुर और गोलू त्यागी शामिल रहे।
महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज ने देवबंद और आसपास के सभी हिंदुओं से आह्वान किया कि वे दलगत राजनीति से ऊपर उठकर धर्म संसद के इस आयोजन को सफल बनाएं।