मेरठ: सीसीएसयू के मुख्य द्वार पर एबीवीपी का धरना, बाराबंकी लाठीचार्ज घटना पर आक्रोश
Meerut : बाराबंकी में छात्रों पर हुए पुलिस लाठीचार्ज के विरोध में सोमवार को मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय (सीसीएसयू) के मुख्य द्वार पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया। भारी बारिश के बावजूद बड़ी संख्या में छात्र विश्वविद्यालय गेट पर जमा हुए और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। अचानक हुए इस धरने से परिसर के बाहर अफरातफरी का माहौल बन गया और थोड़ी देर के लिए जाम जैसी स्थिति पैदा हो गई।
बाराबंकी का मामला: पुलिस कार्रवाई से भड़के छात्र
रामस्वरूप यूनिवर्सिटी, बाराबंकी में छात्रों ने फीस वृद्धि और परीक्षा न होने जैसी समस्याओं को लेकर आंदोलन शुरू किया था। छात्रों का आरोप है कि 2021 में यूनिवर्सिटी की मान्यता खत्म हो चुकी थी, फिर भी नए छात्रों का एडमिशन लिया गया। विरोध के दौरान पुलिस के हस्तक्षेप से हालात बिगड़ गए और छात्रों पर लाठीचार्ज हुआ।
इस घटना में करीब 12 छात्र घायल हो गए, जिनमें कई एलएलबी के छात्र भी शामिल थे। छात्रों का कहना है कि उन्हें बिना किसी कारण पीटा गया। यह मामला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचा, जिसके बाद पुलिस प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए सीओ सिटी हर्षित चौहान को निलंबित कर दिया।
लखनऊ से मेरठ तक विरोध की लहर
लखनऊ विधानसभा के बाहर एबीवीपी छात्रों के प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने उन्हें बलपूर्वक हटाने की कोशिश की थी। इस घटना के बाद प्रदेशभर में छात्र संगठनों का गुस्सा भड़क गया है। मेरठ में एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि छात्रों की समस्याओं का समाधान जल्द नहीं किया गया तो आंदोलन और व्यापक रूप लेगा।
छात्रों की मांगें और पुलिस का रुख
धरने के दौरान छात्रों ने बाराबंकी के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को तत्काल पद से हटाने की मांग की। उनका कहना है कि शांतिपूर्ण विरोध कर रहे छात्रों पर बल प्रयोग लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है। उधर, पुलिस बल ने सीसीएसयू गेट पर पहुंचकर हालात को काबू में किया और छात्रों को शांत कर धरना समाप्त करवाया।
कैंपस से शहर तक आंदोलन की तैयारी
एबीवीपी नेताओं ने स्पष्ट किया है कि यदि उनकी मांगों पर सरकार ने शीघ्र कार्रवाई नहीं की तो आंदोलन को विश्वविद्यालय कैंपस से आगे बढ़ाकर मेरठ शहर तक ले जाया जाएगा। छात्र नेताओं का कहना है कि वे अपने अधिकारों की लड़ाई को हर हाल में अंजाम तक पहुंचाएंगे।