हापुड़ में खुले में ढोया जा रहा कूड़ा – जनता की सेहत पर गंभीर खतरा!
हापुड़ की सड़कों पर चल रहे स्वच्छता अभियान की असली तस्वीर बेहद चौंकाने वाली है। नगर पालिका प्रतिदिन कचरा उठाती है, लेकिन इसे एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) के नियमों के विपरीत किया जा रहा है।
एनजीटी क्या कहती है?
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कचरे को हमेशा ढके हुए वाहनों से ले जाना चाहिए।
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ताकि बदबू और संक्रमण न फैले।
हापुड़ की हकीकत:
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कचरे की गाड़ियाँ पूरी तरह खुली रहती हैं।
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पूरे रास्ते में बदबू और गंदगी फैलती है।
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गीले कचरे का रस सड़क पर टपकता है।
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मच्छरों की भरमार, डेंगू और मलेरिया का खतरा बढ़ता है।
सरकार स्वच्छ भारत अभियान पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि नगर पालिका खुद जनता की सेहत से खिलवाड़ कर रही है।
यह केवल लापरवाही नहीं है, बल्कि आम लोगों के जीवन के साथ सीधा मज़ाक है।
क्या प्रशासन तब जागेगा, जब बीमारियाँ फैलकर हालात बेकाबू हो जाएँगी?